नारी देवी स्वरूपा
नारी देवी स्वरूपा
हमने तो पहले
ही माना है
तुम्हारी ताकत को
अब ओर क्या
इजहार करें
दुनिया मेँ यूँ तो
वक्त से बड़ी
ताकत कोई नहीं
फिर भी मातृशक्ति से
बड़ा कोई नहीं
नारी के कितने रूप
माँ, बहन,बेटी ओर पत्नी
निभाती हर वो स्वरुप
जिसका जैसा होता
धरती वो भेष
कभी लक्ष्मी, सरस्वती
कभी दुर्गा है विशेष
नहीं जिसका कोई सानी
वो है नारी महाज्ञानी
बनाती घर घर मेँ स्वर्ग
जिसके सामने आसमानी
स्वर्ग भी होता बेमानी
समस्त नारी शक्ति को
विश्व कहता आधी आबादी
करता शुक्रिया, धन्यवाद
करता आभार सम्मान
उस नारी शक्ति का
जो है महान
देती जन्म
कहलाती जननी
पाती माँ होने का
सम्मान
यही है सबसे बड़ी
नारी की पहचान
आज का दिन
नारी शक्ति
को समर्पित
जिसके दम से है
ये धरती ओर जहान।