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संदीप कुमार

Romance

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संदीप कुमार

Romance

जीने की ख्वाहिश

जीने की ख्वाहिश

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रूठा मत कर तू मुझसे कभी,

वर्ना सारी दुनिया रुठ जाती है,

बेचैन हो जाता है मेरा दिल,

जीने की ख्वाहिश भी मिट जाती है।

तू है तो एक आरजू है जीने की,

तू है तो एक मक्सद है हँसने की,

रंग,ख़्वाब सपने सब अधूरे से लगते हैं,

बस चाहत होती है हरदम तुझसे मिलने की।

हालात भी पराये हो जाते हैं,

जब तू दूर जाती है

बेचैन हो जाता है मेरा दिल,

जीने की ख्वाहिश भी मिट जाती है।

दिल आवाज हर वक्त तुझे लगाता है,

देखने को मेरे नयन तरसा जाता है,

जाने कब वो रब हमे मिलाएगा,

तेरा दीदार मेरी तरसती आँखों को कराएगा।

आँसु तेरा निकलना मुझे भी रुलाती है,

खुशियाँ भी गम बन जाती है,

बेचैन हो जाता है मेरा दिल,

जीने की ख्वाहिश भी मिट जाती है।


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