दोस्तो का छुट जाना
दोस्तो का छुट जाना

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कुछ मचलन सी थी इस दिल में,
कुछ पाक सी इस मन में,
फ़िर भी शैतानियों का कर जाना याद आता है,
मुझे दोस्तो का छुट जाना याद आता हैं।
नटखटी सी थी थोड़ी ठरकी सी थी वो ,
पर सबके दिलो की धड़कन थी वो,
उस धड़कन का बन्द हो जाना याद आता हैं
मुझे दोस्तो का छुट जाना याद आता हैं।
मनचले थे हम थोड़े आवारे भी ,
शहर के चौराहो पे कुछ किस्से हमारे भी थे,
उन् किस्सो का मिट जाना याद आता हैं,
मुझे दोस्तो का छुट जाना याद आता हैं।
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