जीने का बहाना
जीने का बहाना
मैंने अब तक उस जिंदगी को जिया है
जिसे जीना हर किसी के बस की बात नहीं
उन सितारों में थीं जो चकाचौंध से भरी थीं
लेकिन अंधकार वाली कोई रात नहीं
अनगिनत दोस्त हुआ करते थे मेरे
मेरा दोस्ताना उन्हें खूब भाता था
किस तरह मुझे हँसाना रूलाना है
ये भी उन सबको खूब आता था
वक्त हमेशा कहां एक सा रहता है
मेरा भी वक्त अब बदलने लगा
जो सूरज रोशनी के लिए उगता था
अब वही सूरज ढलने लगा
वह पास तक नहीं आते है अब
जो कभी दोस्त हुआ करते थे
वह मेरे अपनों की बात ही क्या
जो मेरे पास कभी नहीं ठहरते थे
अब जिंदगी गुमनाम सी है
सिर्फ तन्हाई का आना जाना था
अपने आप पर ही हंसती थीं क्योंकि
वही तो एक जीने का बहाना था
