झोपड़पट्टी की खुशियां
झोपड़पट्टी की खुशियां
जो झोपड़ पट्टी और चॉल में रहते हैं
उनकी जिंदगी की अपनी कमियां है
बस छोटी-छोटी बातों में निकाल लेते
ये लोग बड़ी से बड़ी खुशियां हैं
घर में बिजली कम आती होगी पर
बिजली का बिल ज्यादा आता है
अगर दो की जगह तीन घंटे पानी आया
तो इनके चेहरे पर खुशियां लाता है
घर खर्च चलाने के लिए इंसान
पैदल चलकर चिल्लर बचाता हैं
खुद का पैसा सालों बाद मिल जाए
तो इनके चेहरे पर खुशियां लाता है
औरतों को काम से फुर्सत मिले तो
साथ में सारा मुहल्ला ठहाके लगाता है
कुछ नहीं तो चुगलियां करना भी
इनके चेहरे पर खुशियां लाता है
रोटी, कपड़ा, मकान ही जरूरत हैं
बाकी तो गुजर बसर हो जाता हैं
कहीं से खानें का नेवता भी मिला तो
इनके चेहरे पर खुशियां लाता है
छोटी जगह पर बड़े सपने सजते हैं
समस्याओं से एक जुनून आता है
वहां से कोई कुछ बड़ा कर जाएं तो
सबके चेहरे पर खुशियां लाता है