जेट युग की नारी
जेट युग की नारी
न अबला हूँ
न निरीह बेबस,
पथप्रवर्तक, आत्मबल से
परिपूर्ण
जेट युग की
नारी हूँ ।
मैं सीता भी नहीं
निरपराधी होने पर भी
दूँ अग्निपरीक्षा
मैं राधा भी नहीं
वियोग में कर दूँ
जीवन हवन,
द्रोपदी भी नहीं
अपमानित करे कोई
भरी सभा में...
परिवर्तन की चाह लिये
धधकती, सुलगती
ज्वाला हूँ...
मैं जेट युग की
नारी हूँ ।
स्वाधीन,मुक्त गगन में
विचरण करने वाली
अन्यायियों,आतताइयों को
पैरों तले कुचलने वाली
सत्य के रथ पर
होकर आरूढ़
निरंतर प्रगतिपथ पर
अग्रसारित, स्वाभिमानी
जेट युग की
नारी हूँ ।
देवी हूँ, दुर्गा हूँ
लक्ष्मी,सरस्वती हूँ
नीव हूँ समाज की
अनगनित दायित्वों को
ढोने वाली
ज्ञान के प्रकाश से
धरा को आलोकित
करने वाली
मैं जेट युग की
नारी हूँ ।