जब तक है जान
जब तक है जान
जब तक थी जान,
वो हो गए कुर्बान,
देश के लिए शहीद,
होने वालों को मेरा प्रणाम।
जन्मे थे वो राष्ट्र के लिए,
वही थी उनकी शान,
याद उन्हें मैं करता हूँ,
जो वास्तव में थे महान।
लहू उनमे था वीरों का,
और सिंह की जान,
देश के लिए मर मिट कर,
बना गए पहचान।
कफ़न बांधे शीश पर,
चल पड़े बलवान,
देश की रक्षा के लिए,
वो हो गए कुर्बान,
आखिरी दम तक लड़ते रहे,
जब तक थी जान,
सर कभी न झुका उनका,
ना कम हुआ आत्मसम्मान।
वो लाल थे किस धरती के,
वो कौन था जहान,
किस माँ के बेटे थे वो,
जो थे असल कर्मवान।
वह सिंह थे पावन धरती के,
वह देश था हिन्दुस्तान,
वो भारत माँ के बेटे थे,
मेरा भारत महान।