बता क्या है
बता क्या है
तेरी हर एक हंसी के पीछे छुपा जो राज बता क्या है
तू कल की छोड़ मुझे बता की आज क्या है
मैं लिखूं अगर सच इसमें तुझे ऐतराज क्या है
मैं तो बेख़ौफ़ हूँ तू बता तेरा अंदाजा क्या है
तू कैसी बातें करता है
मुझे बता ये समाज क्या है
जो बांधे तुझे जंजीरों में
ऐसे रिवाज़ क्या है
पूछ उनसे जो खो बैठे है ज़मीर
उनकी लाज क्या है
जो किसान रोज़ मरता है
पूछ उससे की ब्याज क्या है
बात करते है सपनों की
हकीक़त देख आज क्या है
विकास के पटल पे अंकित
तुम्हारे काले काज बता क्या है
धर्मनिरपेक्ष खुद को जो कहते हैं
पूछ उनसे नमाज़ क्या है
जो घुट घुट के मर गए
उनकी आवाज़ क्या है
सवाल ऐसे बहुत हैं
मगर उनके जवाब क्या है
गांधी जी मुस्कुरा रहे हैं
मेरे देश का ख़्वाब क्या है ?
