जब साथ तेरा तो गम कैसा
जब साथ तेरा तो गम कैसा
प्रियतम जब तुम साथ हो,
तो गम कैसा?
यह निगलता तूफान कैसा,
यह गहन अंधकार कैसा,
कभी कुछ अविश्वास कैसा,
आज पथ रोकती बाधाये हैं
गरजती मेघमलाये हैं,
तड़पाती असंख्य पीड़ाएँ हैं,
पर जब संग तेरा है,
तो गम कैसा?
साथ साथ ही टकराएंगे,
हर तूफ़ान को हराएंगे
खुशहाली फिर से लाएंगे
जब तू हमसाया हैं,
तो गम कैसा?
न चुभते शूल हराएंगे,
न प्रतिकूल धाराएं भटकायेगे
साथ साथ हम सदा गाएंगे,
प्रेम के नगमे सुनाएंगे,
विजय पताका पहरायेगे!

