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Mitali Sharma

Inspirational

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Mitali Sharma

Inspirational

.... जब बैसाखी आई थी.......

.... जब बैसाखी आई थी.......

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आजादी के लिए न जाने, 

कितनों ने जान गवाई थी ।

क्या वह दिन सब भूल गए,

जब बैसाखी आई थी ।


बैसाखी का दिन पावन था,

सभी खुशी से झूम रहे थे ।

चारों ओर धूम मची थी,

सभी मेला घूम रहे थे ।


तभी वहां पर डायर आया,

काल का रूप धारण कर ।

निर्दोषों को मार गया,

1650 गोलियां चलाकर ।


क्या बच्चे क्या बूढ़े,

सबको याद निशानी थी ।

जब जलियांवाला बाग में लिखी ,

खूनी कलम कहानी थी ।


मत भूलो मासूमों को,

जिन्होंने प्राण गवाएं हैं ।

जिनके बलिदानों से हमने,

यह स्वतंत्रता पाई है ।



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