जान,अपना खयाल रक्खा कर
जान,अपना खयाल रक्खा कर
यूं न हालत निढाल रक्खा कर
जान, अपना खयाल रक्खा कर
चूम लूंगा कभी किसी दिन मैं
ये गुलाबी न गाल रक्खा कर
ताकि होता रहे करम मुझ पर
नजरें अपनी कमाल रक्खा कर
आज मुझसे मिला नहीं है वो
दिल में इतना मलाल रक्खा कर
खेलना है मुझे तो जी भर के
लंबे लंबे से बाल रक्खा कर
वो हमेशा रहेगा फैसल का
ये भरम दिल ने पाल रक्खा कर।

