इश्क
इश्क
दूर जाकर तुम मुझे भूल जाते हो,
तुम्हें क्या पता तुम कितना याद आते हो।
दूर रहकर भी मुझे कितना सताते हो,
बिना बताए ही पास आ जाते हो।
बिना बताए जब तुम पास आते हो,
तुम्हें क्या पता मुझे कितनी खुशी दे जाते हो।
दूर जाकर तुम..…….…...
कभी हंसाते हो , कभी रुलाते हो,
'वक्त नाम का कीमती तोहफा दे जाते हो।
जब जब मैं तुमसे रूठ जाती हूं,
अनोखी बातों से तुम मुझे मनाते हो।
दूर जाकर तुम............

