इश्क
इश्क


तेरा इश्क मेरे चेहरे की चमक है
हां ये मेरे ही चुडियों की खनक है,
ये श्रुंगार ही भी तेरी खातिर है सनम
तुझे लगे ये सारे जुल्मो सितम,
तेरे प्यार का साथी है रंग ये गहरा
दिल की हर आहट पर एक तेरा ही पहरा,
ना तेरे बिन जीना ना मरना हमें
बस एक तुझसे ही प्यार है करना हमें,
मेरी चाहत तो तू है जानम
अब ये बताने में हाय कैसी शरम,
ये लम्हा गुजरता नहीं बिन तेरे
क्यों नहीं बन जाते सदा के लिए तुम मेरे!