Pratibha Shrivastava Ansh
Inspirational
अगर इश्क करना ही है तो,
अपने वतन से करना
इसकी माटी से निकलती,
खुश्बू को शिद्दत से महसूस करना
बांधना ही है गर रक्षा-कवच तो,
सरहद पर तैनात उन भाइयों को बांधना,
जो सिर्फ तुम्हारे लिए,
रोज ही होली खेलता...
कुछ ना बदला
मजदूर
गांधारी
होलिका
अहसास
बसन्त
बसंत
अनकहा
इश्क
शिकायत
बच्चे को लगाए वह सीने से, मां की ममता उसे दुलार रही। बच्चे को लगाए वह सीने से, मां की ममता उसे दुलार रही।
आजादी के किस्से नहीं होते,ये तो उनकी जीवन गाथा है । आजादी के किस्से नहीं होते,ये तो उनकी जीवन गाथा है ।
सम्राट भरत की संस्कृति पर चल, भारत को विश्व गुरू बनाना है । सम्राट भरत की संस्कृति पर चल, भारत को विश्व गुरू बनाना है ।
पापी को होती सजा, करे नहीं वह खेद।। पापी को होती सजा, करे नहीं वह खेद।।
प्रभु पूरे संसार के आप कष्ट हरें। आओ प्रभु का नाम भजनों से जपें। प्रभु पूरे संसार के आप कष्ट हरें। आओ प्रभु का नाम भजनों से जपें।
थोड़ी सी कहा सुनी पर, दिल के रिश्ते यूं तो नहीं टूट जाते। थोड़ी सी कहा सुनी पर, दिल के रिश्ते यूं तो नहीं टूट जाते।
अपने दर्द को सहने की ,आदत डाल लो तुम , क्या पता ये दर्द कब ,हवा बन के डोले। अपने दर्द को सहने की ,आदत डाल लो तुम , क्या पता ये दर्द कब ,हवा बन के डोले।
खाने में रस स्वाद मसालों की सुगन्ध। खाने में रस स्वाद मसालों की सुगन्ध।
मन वीणा के तार है, अद्भुत इनके चाल। मन वीणा के तार है, अद्भुत इनके चाल।
क्या क्या अभिनय कर रहा, बाल रूप में ईश क्या क्या अभिनय कर रहा, बाल रूप में ईश
ये है जिंदगी का फलसफा, मस्ती में झूम जाएं। ये है जिंदगी का फलसफा, मस्ती में झूम जाएं।
हवा वह समंदर का, जाने पानी है गहरा बनूँ तो बनूँ , मृदुल ही बनूँ हवा वह समंदर का, जाने पानी है गहरा बनूँ तो बनूँ , मृदुल ही बनूँ
क्या क्या अभिनय कर रहा, इनके रूप हजार। रखवाला का साथ है, बेशुमार है प्यार। क्या क्या अभिनय कर रहा, इनके रूप हजार। रखवाला का साथ है, बेशुमार है प्यार।
घड़ा पुण्य से तुम भरो, मिल जाएंगे ईश। घड़ा पुण्य से तुम भरो, मिल जाएंगे ईश।
मुझे किसी से कभी कोई गिला नहीं, हो गर शिक़वा उससे जो मिला नहीं। मुझे किसी से कभी कोई गिला नहीं, हो गर शिक़वा उससे जो मिला नहीं।
शब्द भी सभी तब चहक उठेंगे, जब उन्हें आकार मिल जाएगा शब्द भी सभी तब चहक उठेंगे, जब उन्हें आकार मिल जाएगा
बेवक्त न देता वक्त किसी को, वक्त की बात निराली है।। बेवक्त न देता वक्त किसी को, वक्त की बात निराली है।।
दो दिन के प्यार के ख़ातिर अपने तन की बलि दे दी। दो दिन के प्यार के ख़ातिर अपने तन की बलि दे दी।
हृदय में रमते हो मगर तुम्हारी छवि नहीं दिखती। हृदय में रमते हो मगर तुम्हारी छवि नहीं दिखती।
जुल्मों सितम की बढ़ के ख़िलाफ़त किया करो ।। जुल्मों सितम की बढ़ के ख़िलाफ़त किया करो ।।