कुछ ना बदला
कुछ ना बदला


कवि ने आँसू भरी,
एक कविता लिखी
पत्रकारों ने,
खूब समाचार बटोरी
प्रशासन ने ऐलान किया
डॉक्टर-पुलिस,
अपने काम पर अडिग
और
निम्न तबका लौट रहा,
घर की तरफ
पैदल,भूखे पेट
बस चल ही रहा,
कहीं तो पहुँचेगा
लिखो जिसको,
जो लिखना है
बस लिख डालो।