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Pratibha Shrivastava Ansh

Abstract

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Pratibha Shrivastava Ansh

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कुछ ना बदला

कुछ ना बदला

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कवि ने आँसू भरी,

एक कविता लिखी


पत्रकारों ने,

खूब समाचार बटोरी

प्रशासन ने ऐलान किया

डॉक्टर-पुलिस,

अपने काम पर अडिग


और

निम्न तबका लौट रहा,

घर की तरफ

पैदल,भूखे पेट

बस चल ही रहा,


कहीं तो पहुँचेगा

लिखो जिसको,

जो लिखना है

बस लिख डालो।


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