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Revati Hiremath

Romance

3  

Revati Hiremath

Romance

इश्क़ विश्क प्यार व्यार

इश्क़ विश्क प्यार व्यार

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है तू बड़ी सख्त,

आंखों के सामने आती है तू हर वक़्त।

करता हूं में तुमसे मोहब्बत

हमेशा दूंगा साथ तेरा

हो सांझ या सवेरा।


था में तेरा पहला यार,

पता नहीं कब से करने लगा तुझसे प्यार।

नैनो से करती है तू मुजपे वार,

जिससे चढ़ा है मुझे प्यार का बुकार।


हूं में दिलदार

कभी नहीं मानूंगा हार।

तबतक करूंगा इंतज़ार

जब तक तू ना कहे की "तू भी करती है मुझसे प्यार"।


लो केह दिया मैंने "करती हूं में तुमसे मोहब्बत"

क्यूंकि तुम हो खुदा की बरकत,

और मेरे दिल की चाहत,

तुम्हारी प्यार की है मुझे जरूरत,

तुम हो मेरी ताकत।


प्यार मैं जुड़ते है दिल के तार,

बीचमें ना आए कोई दीवार,

दिल है बेकरार, कहूंगी में हज़ार बार,

की में करती हूं तुमसे ढेर सारा प्यार।


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