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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

इस दुनिया मे

इस दुनिया मे

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इस दुनिया में सपनों का नगर नहीं मिलता

यहां किसी को आसान सफर नहीं मिलता


मिल जाते हैं खाली सैकड़ों मकान लेकिन

गुजर जाए जहां जिंदगी वो घर नहीं मिलता


बहती है बेवजह आंखों के रास्तों से नदियां

मगर इन नदियों को कोई समंदर नहीं मिलता


कितनी ही ऊंची भरे उड़ान परिंदा लेकिन

ठहरने के लिए अंबर में बसर नहीं मिलता


वो मिलता था कभी हमसे किसी ठिकाने पर

इतना है गली में पहरा की उधर नहीं मिलता


लगता था गले हाथ मिलाने से पहले कल तक

वो मिलता

है मगर अब उस कदर नहीं मिलता


ना पूछता है हाल ना कोई किस्सा सुनाता है

मुझे लगता है वो अपना समझकर नहीं मिलता


क्या हुआ है, वो चुप चुप सा रहता है आजकल

कहो यूं ही तो कोई खुद से बेखबर नहीं मिलता


मैं भी हंस लेता हूं बेशक किसी की बातों पर

मुझे भी सुकून मगर दिल के अंदर नहीं मिलता


जो लौटा दे मेरे यार की हंसी वापस मुझको

मैं तलाश में हूं मगर कोई जादूगर नहीं मिलता


मर जाते हम भी सफर में चलते-चलते

ये वो शख़्स है जो कभी हमको अगर नहीं मिलता


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