इंतज़ार
इंतज़ार
बात बस इतनी सी थी,
तुमसे मुहब्बत खुद से थी,
इंतज़ार की घड़ी नजदीक थी,
हर बात बतानी तुम्हें ज़रूरी थी,
मैं तनहाइयों में तड़पती हर रोज़ थी,
लेकिन दिल की बात दिल तक ही थी,
लोगों की नज़रों में मैं पागल थी,
मगर मेरी सच्ची मुहब्बत तुमसे ही थी,
इस बात की जलन हर किसी को थी,
लेकिन मुझे फिक्र बस तेरी ही थी ........

