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Ravindra Shrivastava Deepak

Inspirational

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Ravindra Shrivastava Deepak

Inspirational

इंसानियत

इंसानियत

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मसीहा बन जाओ तो, दुनिया सम्मान रखेगा,

तेरी ऊँचाइयों का ध्यान भगवान रखेगा,


खुद के लिए जिये बहुत, ग़ैरों के लिए जी कर देखो,

तुम्हारी फिक्र ये सारा जहान रखेगा,


अपनी व्यस्त ज़िंदगी से कुछ वक़्त निकाल,

उस वक़्त को इंसानियत में कर इस्तेमाल,


क्या ख़ाक गुरुर और दौलत अपने साथ रखेगा,

तेरी इंसानियत का मोल सारा आवाम रखेगा,


बदल के रख दो तख्तों ताज गुमनाम सरफिरों के,

आदमियत और गै़रत के ख़ून से रंगे है जिनके हाथ,


तुम्हारा जुनून भी लोगों के बीच नसीहत रखेगा,

ये क़ायनात भी तुम्हारी दी हुई पैगाम याद रखेगा,


यूँ ही जय जयकार नही होती किसी इंसान की,

ये बात है ग़ैरों के नज़रों में तुम्हारी सम्मान की,


जीते जी अपने जिंदगी में कुछ ऐसा कर जाओ "दीपक"

ताकि जानें के बाद तुम्हें आँखों का पानी याद रखेगा...



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