इल्जामों की फेहरिस्त
इल्जामों की फेहरिस्त
यहाँ हर कोई एक दूजे की जान लेने को बैठा है,
हर छोटी सी बात पर ही इम्तेहान लेने को बैठा है।
एक के बाद एक इल्जामों की फहरिशत लगाके,
जिसे देखो हमराहों का एहतराम लेने को बैठा है।
गम्भीर अवस्था में ये कैसी व्यवस्था है चारों तरह,
जहाँ नासमझ कोई जैसे एहसान लेने को बैठा है।
बांध ज़ंजीरों के बाद भी शायद कमी रही है कोई,
जो बेरहम आज भी मेरी पहचान लेने को बैठा है।
मुश्किल हुआ अब और सब्र रहा नहीं इस मन में,
पर अब भी ये 'राही' खुद रमज़ान लेने को बैठा है।