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Shweta Chaturvedi

Romance

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Shweta Chaturvedi

Romance

इद्रधनुष

इद्रधनुष

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इद्रधनुष के नव रंगों सा

यूँ सहज मुस्काना,

मधुरस की बदरी से

मुझ पर अमृत बूंदे छलकाना..


स्वप्न भरी पलकें मेरी

ज्यूँ उजियाले जी जाती हैं,

मुरझाई कलियाँ ह्रदय की

यौवन रस पा जाती हैं..


प्रियतम तुम आ जाते हो तो

रजत रश्मियाँ खिल जाती हैं,

धरा व्योम से मन सीपी में

हँसते मोती बिखराती है..


मेरे चितवन के कण कण में

तुम प्राण कोई भर जाते हो,

मैं दीपशिखा सी जब जलती हूँ

तुम शीत लहर बन जाते हो...



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