हर एक बार मैं साथ हूँ तेरे
हर एक बार मैं साथ हूँ तेरे
हाँ, मैं साथ हूँ तेरे,
सिर्फ सीढ़ियों तक नहीं,
उन पथरीले रास्तों पर भी,
जहाँ करीबी लोग,
अक्सर साथ छोड़ जाते हैं।
हाँ, मैं साथ हूँ तेरे,
उन रास्तों पर जहाँ से,
तुम्हें दर्द मिलता है,
वही दर्द, जिसे तुम दिल के,
उस कोने में रखते हो,
जहाँ सिर्फ मेरी जगह है।
तो ज़ाहिर है ये दर्द मुझे भी मिलता है,
पर शिकायत नहीं, सुकून है मुझे,
कि मैं खुुशी के शोर में भीड़-सी नहीं,
बल्कि ग़म की तन्हाई में तुम्हारी ढाल-सी हूँ,
सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि हर एक बार।