होठों के लकीरों पे लिखा है।
होठों के लकीरों पे लिखा है।
प्रेम की कहानी दो लफ़्ज़ों में।
तेरा और मेरा नाम है।
सबनम के दाने है तेरे होठों पर।
तू ही मेरी पहली ख्वाहिश के प्यार है।
मन करता है रहूं उम्र भर तेरे साथ।
मैं चुराऊँ गुलशन इन हसीन चेहरा से।
काग़ज़ क्या जरूरत पड़ेगी तेरी अदाओं पर।
मैं समझ लिया यूं ही, तेरे इन गुलाबी होठों से।
हम रहेंगे हर दम हर वक्त तेरे दिल के पास।
अलग नहीं कर सकता कोई ये जुबां है मेरी।
नहीं भूलेगा याद करेगा हर पल तेरे ही ख्वाहिश मेरी।
जो लिख चुका बचपन में इन लकीरों पे,
अब क्या करेगी तक़दीर मेरी।
चूम लूं इन होठों को जिस पर किसी का नाम न हो।
सुबह ढले तेरी खूबसूरती पर बसन्त के हरियाली की तरह।
सलामत रहे हमारी दोस्ती सदियों तक।
कभी न उड़े ख़ुशबू कोई गुलशन में महकते फूल की तरह।

