होली के रंग
होली के रंग
हर रंग कुछ कहता है
होली के रंग
खुशियों के संग।
हर रंग कुछ कहता है
कुछ अपनी, कुछ दूजे की।
अब बात अगर हो होली की
तो रंगों की है बाहर
हर रंग हर चेहरे पर लाता है निखार
जैसी जिसकी भावना
वैसा उसका रंग
होली है भाई होली है...
बुरा न मानो होली है।
प्यार का रंग गुलाल है
तो शैतानी का रंग काला है।
कहीं हरा तो कहीं पीला भी है
कहीं सूखा तो कहीं गीला है।
विभिन्नता में एकता
यही होली की विशेषता।
विभिन्न रंगों में खिलता
केवल एक रंग प्यार,
होली का दुलार।
हर भेदभाव से ऊपर
बच्चों से लेकर बूढ़ा
हर उम्र में हर कोई
सुपर से भी ऊपर
रंगों से रंगा रंगीन।
