होली के बहाने
होली के बहाने
होली के बहाने
मोहे छेड़े सांवरिया
देख-देख ओ सखिया
रंग डारे ,
मारे पिचकारी
भिगोये मेरी साड़ी
लाज मोहे आये
भरूँ कैसे गागरिया
रोकूँ कैसे
माने न निर्मोहिया
मोहे छेड़े सांवरिया
देख-देख ओ सखिया
जनम-जनम से
मैं तो रंंगी हूँ
उसके ही रंग में
कोई उसे समझाए
मन अकुलाये
इक पल भी
ओझल हो जाए
सुध-बुध बिसराये
हो जाऊँ मैं बावरिया
अंग-अंग मुस्काये
हिय बसे तू ही सांवरिया
देख-देख ओ सखिया
बड़जोरि करे कन्हैया
होली के बहाने
मोहे छेड़े सांवरिया।