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होली गीत

होली गीत

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होली तो में खेलूँ कान्हा,

लेकिन पहले रणभेरी दे

लहु गुलाल मल दूँ गर कह दे,

रक्तिम मुझको पिचकारी दे


बहुत हो गई बात शांति की अब हो कोई बात बड़ी

बहुत किये हमने समझौते

अब तोड़ो ये आँट खड़ी

बड़े बड़े सर काटे मुझको

धारदार तलवारी दे

रक्तिम मुझको पिचकारी दे


मारे मेरे वीर अनेकों नही माफ़ करने वाली

मैं अम्बा मैं दुर्गा न्यारी मैं वीरां खप्परवाली

मुझको कम मत आँको अब तुम,अब मुझको रखवारी दे

रक्तिम मुझको पिचकारी दे


होली तो मैं खेलूँ कान्हा

लेकिन पहले रणभेरी दे

लहु गुलाल रंग दूँ गर कह दे

रक्तिम मुझको पिचकारी दे


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