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सतीश शेखर श्रीवास्तव “परिमल”

Inspirational

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सतीश शेखर श्रीवास्तव “परिमल”

Inspirational

हो जाओ तैयार

हो जाओ तैयार

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दे रहा आवाज समय हमको, हो जाओ तैयार

जीवन का राज यही है, हो जाओ तैयार

चलो रे साथी चलो रे मेरे यार……


मिटा दो दिल की रंजिशें

छुआ-छूत को दूर करो

देश से प्रेम अगर है तो जाओ तैयार

कदम-कदम से-ऽऽ दिल को मिला लो

लड़ने को हो तैयार, हो जाओ तैयार

चलो रे साथी, चलो रे मेरे यार……


जैसे मिले-ऽऽ सुर से ताल

तालों से मिले सुर और राग

घुल-मिल जाओ राग बनाओ

सरगम के शोलों से आग बनाओ

आगों से चराग जलाओ-ऽऽ

त्यागो-ऽऽ दिल के भेद, हो जाओ तैयार

चलो रे साथी चलो रे मेरे यार……


ये भूख हमें क्या जलायेगी

जल – जल कर खुद मर जायेगी

दीवाने हैं हम वतन के

बाँधे हैं हम कफन सर पे

हँसकर सूली चढ़ जायेंगे

झूलकर डोरी पर कह जायेंगे

आजाद वतन के हम परिंदे

परवाज हम कर जायेंगे

हँस – हँसकर खेल जायेंगे

कहते कहते हम जायेंगे, हो जाओ तैयार

चलो रे साथी, चलो रे मेरे यार……


ये युद्ध की अब बारी है

सरहद पर मिटने की यारी है

अपने लहू से लिख जायेंगे

जान निछावर कर जायेंगे

शोर – शराबे से हम नहीं डरते

किसी की धमकी से नहीं झुकते

तिरंगे की शान बढ़ाएंगे

वतन की आन बनायेंगे

कहते कहते कह जायेंगे

चलो रे साथी, चलो रे मेरे यार……



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