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अंड! अघोर! इंदु शेखर! आशुतोष! औघड़ दानी! काशीनाथ! कपाली! उमेश! कुण्ड! अक्षमाली। अंड! अघोर! इंदु शेखर! आशुतोष! औघड़ दानी! काशीनाथ! कपाली! उमेश! कुण्ड! अक्षमाल...
प्रीति रजनी जगाने लगती सुर्ख छुअन होती तन-मन में। प्रीति रजनी जगाने लगती सुर्ख छुअन होती तन-मन में।
घट-घट बोल रहा था अंतर्मन का विराट्-रूप सत्यता सुंदरता मे़ं। घट-घट बोल रहा था अंतर्मन का विराट्-रूप सत्यता सुंदरता मे़ं।
रसीला जोबन स्वप्नों की भूल जा अटकी धन-दौलत के जाल रसीला जोबन स्वप्नों की भूल जा अटकी धन-दौलत के जाल
स्वप्न का योग सारा प्राणों से सबको प्यार स्वप्न का योग सारा प्राणों से सबको प्यार
धवल जूही की पहन चादर मृदुल चाँदनी आई सान। धवल जूही की पहन चादर मृदुल चाँदनी आई सान।
चीर रही थी नितांत निर्जन वन को भर रही सरगम के मधुर-स्वर में। चीर रही थी नितांत निर्जन वन को भर रही सरगम के मधुर-स्वर में।
वादी में सृजित किया तूने मंजुल मनोहर आकर्षक देश। वादी में सृजित किया तूने मंजुल मनोहर आकर्षक देश।
जो कहते थे पिछड़ा हमको छाती पीट-पीटकर रोयेंगे। जो कहते थे पिछड़ा हमको छाती पीट-पीटकर रोयेंगे।
मन को मोहने वाली हिरणी मोहित तो है तुमसे सारा संसार। मन को मोहने वाली हिरणी मोहित तो है तुमसे सारा संसार।