हँसो
हँसो
हँसो, ठहाका लगाओ
लगने दो कहकहे
इतना हँसो कि दर्द बहकर निकल जाए
और तुम्हारे सारे मुखौटे गिर जाएं
तुम आ जाओ अपनी प्राकृतिक स्थिति में
हंसना प्राकृतिक है
हंसना मतलब परमात्मा की स्तुति और परमात्मा से जुड़ जाना
हंसना तुम्हारा स्वभाव है
किसी पर नहीं हंसना, वो पाप है
बस मन से, निर्मलता से, पावनता से हंसना
और स्वयं को शुद्ध करना है
और यही भक्ति है.