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Divya Jaiswal

Tragedy

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Divya Jaiswal

Tragedy

हमसफ़र

हमसफ़र

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आज भी वहीं खड़ी हूँ जहाँ तुमने छोड़ा था मुझे कहकर कि मैं ना चल पाऊँगा साथ तुम्हारे अब इससे आगे

नज़रे उसी रास्ते पे हैं इस आस में कि तुम लौट आओगे और कहोगे डर गईं, मै तो मजाक कर रहा था

पर हकीक़त ये है कि तुम ना आए सिर्फ तुम्हारी याद आती है

क्या हुआ जो तुम संग ना चल सके ज़िन्दगी भर

इस जनम के लिए तुम्हारी यादें ही मेरा हमसफ़र हैं


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