हमसफ़र
हमसफ़र
तुम्हें तो पता ही है कि मुझे
कहानियाँ कहने का शौक है
कई कह चुका हूँ
और कई कहने वाला हूँ,
पर इस कहानी कहने के सफ़र में
कभी अपनी कहानी नहीं कही
क्या कहता असल में कहने लायक अभी तक
कोई कहानी मिली ही नहीं।
पर अब कहना चाहता हूँ
क्यूंकि शायद अब मेरे पास कहानी भी है
और कहने की वजह भी
तो एक गुजारिश है तुमसे
या यूँ कहूँ तो तेरा साथ चाहता हूँ।
अपने इस नए सफ़र में तेरा हाँथ चाहता हूँ
तुझे, मैं अपनी कहानी में ले जाना चाहता हूँ
तो बताओ ...
क्या चलना चाहोगी मेरे साथ,
हमारे सफ़र में, मेरा हमसफ़र बन के।
अब मुझे पता है तेरे दिमाग में
क्या चल रहा होगा
तो हाँ ...मुझे पता है हम
जिंदगी भर साथ नही रहने वाले
पर जितना भी वक़्त है न तेरे पास,
उनमें मैं रहना चाहता हूँ।
उन्हें, तेरे साथ मैं जीना चाहता हूँ
पता है क्यों ?
क्योंकि वो तू है
जिसका गुस्सा भी अच्छा लगता है।
जिसका डांटना भी अच्छा लगता है
जिससे नाराजगी भी अच्छी लगती है
जिससे लड़ना भी अच्छा लगता है
और लड़ने झगड़ने के बाद मनाना भी।
और हाँ ... तू केयरिंग भी तो है
तो यादें संजोना चाहता हूँ तुम्हारे साथ
अब इतना कुछ है तो तुझसे
इतनी ख्वाहिश तो रख सकता हूँ
तो क्या चलना चाहोगी मेरे साथ,
हमारे सफ़र में, मेरा हमसफ़र बन के ?