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Ajay Sharma

Others

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Ajay Sharma

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पुलवामा

पुलवामा

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कुछ गद्दारों की फ़ौज खड़ी कर

हमें हैं वो ललकार रहे,

पर हम भी तो बुजदिल ही निकले

जो महज तिरंगा बांट रहे,

अरे बहुत हो गए चर्चे वरचे

अब पर्चे बंटवा दो,

कटवा दो सारे गद्दारों को

हटवा कर सारी पाबंदी,

लाहौर से इस्लामाबाद 

या फिर हो रावलपिंडी,

रे सुन ले सारे आतंकी

हों तुम चाहे जहां कहीं,

है हदें तू सारी लांघ गया

सारी सीमाएं फांद गया

अब आई हमारी बारी है

कर ली हमने भी तैयारी है,

तुझे कतरों का हिसाब चाहिए

अब कतरों का बाढ़ बहाएंगे

अगर भूल गया है तू सारा कुछ

तो फिर से याद दिलाएंगे,

अरे,बहुत सुलाया तिरंगे पर 

तुमने वीर जवानों को

मिटा के रख देंगे धरती से

तुम जैसे हैवानों को।


अब गया जमाना बातचीत का

सीने पर गोली दागेंगे

अरे एक शहादत के बदले में 

10 10 सिर ले जाएंगे

करायरता पूर्ण वार करके

तुमने हमें ललकारा है

और हमें ललकारने का मतलब

मृत्यु को तुमने पुकारा है।


तुम निहत्थे वीरों को मारकर

बेशक अपनी जीत कहो,

अपनी घिनौनी क़ुरबानी को

मज़हब से तुम प्रीत कहो,

पर याद रखो

तेरी मौत नहीं,वो लानत है

क्यों भूल गया है तू अपनो को

जिसकी तू अमानत है,

अरे खुद की नहीं तो 

कम से कम अपनी माँ को तो तुम याद करो,

अपनी नहीं रख सकते तो 

माँ की कोख की लाज रखो।


याद करो तब क्या होगा

जब सारी दुनिया उसे दुत्कारेगी

काम तुझसे नापाक हुए

गालियां उन्हें दी जाएंगी।


तुम खुश करने निकले हो रब को

उनके ही बंदे को मार कर

रब भी हंसता होगा तुमपर 

तेरी इन बातों को जानकर ।


ख़ैर हमने तो सह लिया बहुत कुछ

अब सहने को कुछ रहा नहीं

अब प्रेम की बातें समझ नहीं आती

तो सीधे चेतावनी सुन,

गर बाज नहीं आओगे तुम

अपनी इन गंदी करतूतों से,

तो मिटा दिए जाओगे तुम

दुनियां की तस्वीरों से,

फिर बाल नोचोगे या सोचोगे

पर वक़्त तेरा चल जाएगा,

और नए दौर के इस भारत से उलझने का मसला

विश्व इतिहास बन जायेगा,

फिर विश्व इतिहास बन जायेगा।

कुछ गद्दारों की फौज खड़ी कर हमें हो तुम ललकार रहे....



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