अफ़साना - ए - मोहब्बत
अफ़साना - ए - मोहब्बत
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अब क्या करें बयां
अफ़साना - ए - मोहब्बत को
हम उनसे दिल लगाए बैठे है
जिसने हमसे दिल लगाया ही नहीं
उसने कहा कि मुझे तुमसे बस काम भर मोहब्बत है
और हम कमबख्त ये जान कर भी
उसे जान बनाये बैठे है