ख़्वाब जाने क्यूँ दगा देने लगे हैं अब मुझे ख़्वाब जाने क्यूँ दगा देने लगे हैं अब मुझे
जो खुद को तसल्ली दे कहते रहे इंतज़ार रहेगा तुम्हारा। जो खुद को तसल्ली दे कहते रहे इंतज़ार रहेगा तुम्हारा।
ना खामोश हम थे, ना हमारे लफ्ज़ थे I पर कमबख्त आंखे फितूर हो गईं I आपको, हमार ना खामोश हम थे, ना हमारे लफ्ज़ थे I पर कमबख्त आंखे फितूर हो गईं I...
यह अब तक तुम, ढूंढ़ता फिरता। यह अब तक तुम, ढूंढ़ता फिरता।
यूँ चुप चुप आँखों से कहना, कहीं दूर जाने का बहाना तो नहीं? यूँ चुप चुप आँखों से कहना, कहीं दूर जाने का बहाना तो नहीं?
उसकी कामवाली मोहब्बत जान कर भी उसे जान बनानेवाले इशकजादे कैसे होते है...? जरा पढिए तो... उसकी कामवाली मोहब्बत जान कर भी उसे जान बनानेवाले इशकजादे कैसे होते है...? जरा पढ...