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हमने देखा है ज़माने पे भरोसा कर

हमने देखा है ज़माने पे भरोसा कर

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हमने देखा है ज़माने पे भरोसा कर के

दर्द में जाते सभी मेरे इज़ाफ़ा कर के


एक दिन खाक में नादान तेरा सर होगा

न तकब्बुर में चला कर इसे ऊँचा कर के


ज़िन्दगी क्या है हक़ीक़त में समझ जाएगा

दिल का तू देखले इक बार ही सौदा कर के


बे रुखी तेरी कहूँ य है मुक़द्दर मेरा

खुद को बैठा हूँ भरी बज़्म में तनहा कर के


एक पल के लिए देखा नहीं मुड़ कर उसने

दूर जब से वो गया मेरी क़सम खा कर के


सब्र वालों का सदा साथ खुदा देता है

देख लेता हूँ अदा ये भी फ़रीज़ा कर के


दर्द दिल का है उसे दिल में छिपा लो, कौसर

हाथ रुस्वाईयाँ आएंगी तमाशा कर के !


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