हमी से छुपाता रहा
हमी से छुपाता रहा
डाल मेरे ज़ख्मों पर नमक वो मुस्कुराता रहा
मेरी आह परवाह नहीं वो खिलखिलाता रहा
मिले हर खुशी उनको थी चाहत मेरी
देख मेरी तड़प वो गुनगुनाता रहा था
इकरार या इंकार कुछ कहा ही नहीं
दिल समंदर ज्वार प्यार वो उठाता रहा
पकड़ हाथ मेरा लड़ लिया तूफानों से बन
हमसफर मंज़िल मुझे भटकाता रहा
कबूल कर देखो इश्क नज़ारे बदल जाएंगे
ठुकरा मोहब्बत मेरी मुझे तड़पाता रहा
लूटा दूँगा दिल की दौलत तुम्हारे लिए
हसरतों के दिये फूंक मार बुझाता रहा
मेरा हर हुस्नो शबाब तुम्हारे लिए है
थाम गैर दामन मुझे वो भरमाता रहा
हसीन होगा सफर साथ चलकर तो देखो
दोस्त बनकर सरे राह कांटे बिछाता रहा
कर दूँगा रौशन दुनिया तेरी मैं जुगनू सही
तोड़कर दिल आँसू हमी से छुपाता रहा ।।