Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

महेश जैन 'ज्योति'

Inspirational

4  

महेश जैन 'ज्योति'

Inspirational

हमारी नदियाँ

हमारी नदियाँ

1 min
284


प्यारी भारत मात हमारी, नदियाँ इसे सजाती हैं ।

सींच रहीं अविरल खेतों को, नदियाँ मात कहाती हैं ।।


गंगा मैया जैसी पावन, सुरसरि कोई मिली नहीं,

यमुना की श्यामल जलधारा, पावन कृष्णा बहे यहीं,

सतलज सोनभद्र कावेरी, गोदावरी लुभाती हैं ।

सींच रहीं अविरल खेतों को, नदियाँ मात कहाती हैं ।।


पोष रहीं जन-जन के तन को, जैसे नस में रक्त बहे,

तीर्थ बसे सब इनके तट पर, शंखनाद कर भक्त रहे,

पावन अपना नीर पिला ये, सबको सबल बनाती हैं ।

सींच रहीं अविरल खेतों को, नदियाँ मात कहाती हैं ।।


अपनी इन पावन नदियों को, गंदा हमने स्वयं किया,

नीर प्रदूषित हुआ न सोचा, कूड़ा-करकट डाल दिया,

शुद्ध नीर फिर बहे मौन ये, देखो हमें बुलाती हैं ।

सींच रहीं अविरल खेतों को, नदियाँ मात कहाती हैं ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational