हमारी मातृभूमि
हमारी मातृभूमि
हमारे प्यारे मातृभूमि की,
बनी रहे आन, बान, शान।
हम भारतवासी हो जाते हैं,
हँसते हँसते हुए बलिदान।
अमन, चैन, शांति के हम,
सदियों से रहे हैं पैरोकार।
सत्य अहिंसा मानवता का,
करते रहें सदैव व्यवहार।
हम सदैव चाहते बना रहे,
देश में समरसता व सद्भाव।
वर्षों से हमारे प्यारे देश में,
भाई चारा का मिलता भाव।
कई मज़हब व जाति के लोग,
मिलजुल कर प्यार से रहते हैं।
किसी को कोई दुःख दर्द पड़े,
एक दूजे का सहयोग करते हैं।
देश की रक्षा करने की ख़ातिर,
राष्ट्र पर हम हो जाते कुर्बान।
प्राचीन संस्कृति और सभ्यता,
भारत को दे अनूठी पहचान।
भारत को कोई आँख दिखाए,
हम कदापि सहन न करते हैं।
उसका मिटाते हैं नामोनिशान,
वतन के लिए मर मिटते हैं।