हमारे लिए काफी हैं
हमारे लिए काफी हैं
हमारे लिए काफी हैं
अब हमें रिश्तों की लंबी फ़ेहरिस्त
देखने से क्या हासिल,
आज जो दिल से हों अपने
हमारे लिए वह रिश्ते ही काफी हैं I
जो अपने छूट गए हैं हमसे
हमारे लिए काफी हैं
उन्हें याद कर दुखी होने से
क्या फायदा,
जो आज भी हैं साथ अपने,
हमारे लिए वह लोग ही काफी हैं I
बीते सुन-हरी दिनों के वापस न आने पर
दुखी होने से क्या हासिल,
अब जो ख़ुश-नुमा समय हमारे पास
बाकी है
हमारे लिए वह भी काफी है I
पीढ़ी दर पीढ़ी तहज़ीब को धुँधला होते
देखकर मायूस होने से क्या हासिल
बदलती रिवायत को तस्लीम कर लेना ही
हमारी तबियत के लिए काफी है I
जिंदगी के सारे दोस्तों को याद
करने से हमें क्या लेना,
कुछ दोस्त जो आज भी यादों में हों
अपने हमारे लिए वो ही काफी हैं I
जिंदगी के गिले शिकवे और रंजिशें
याद करने से अब हमें क्या हासिल,
बस कुछ यादें जो आज भी दें ख़ुशियाँ
हमारे लिए वही काफी हैं I
मंदिरों की लंबी कतारों में लग कर
भव्य मूर्तियों पर फूल चढ़ाने से क्या फायदा,
घर के किसी कोने में आस्था से बैठ कर
अकेले प्रार्थना कर लेना ही
हमारे लिए काफी है I
पीरों की मज़ारों पर चादरें चढ़ाने और
मन्नतें मांगने से अब हमें क्या हासिल ,
कुछ अच्छे कामों की दुआएँ जो अब भी हैं
साथ अपने, हमारे लिए वही काफी हैं I
अपने लड़खड़ाते कदमों की धूल को बैठते देख
मुस्तक़िल उम्र-दराज़ मांगने से अब
हमें क्या हासिल
जिंदगी का मुकद्दर तस्लीम कर बाक़ी वक्त
सुकून से बसर कर लेना ही हमारे लिए काफी है I
जिंदगी की ला-हासिल तमन्नाओं को समेट
उनकी आरज़ू करने से अब हमें क्या हासिल,
रुखसती पर, सफर में बटोरे कुछ दिलकश
लमहे जो आज भी हैं अपने, हमारे लिए वही काफी हैं I