हमारे जांबाज़ सैनिक
हमारे जांबाज़ सैनिक
रखते हैं जांबाज़ हमारे , नफ़रत तलवार की नोंक पर।
सजाते हैं फौलादी इरादों को अपनी पैनी सोच पर।I
हर ज़ुल्म पर पड़ते हैं वो भारी।
हर दुश्मन सेना है उनसे हारी।।
होता है मज़हब उनका बस यही।
कर देंगे हर मुश्किल को सीधे - सीधे सही।।
वतन पर सब कुछ कुर्बान है।
वतन ही हर जवान का अभिमान है।I
दुश्मन के हर वार पर रौद्र रूप विशेष है।
बस फिर रक्षा हेतु एक प्रहार ही शेष है।I
देश के मान की रक्षा समक्ष यही एक लक्ष्य है।
शांति - कलह, पक्ष - विपक्ष में जवानों से ही बना सामंजस्य है।I
अशांति अंदर हो या बाहर, जब हर तरफ जंग है।
खौफ पर फतह पाने वाले ऐसे जवान हमारे संग है।I
हर माँ अपने बेटे की कुर्बानी पर नाज़ करती है।
अपने बेटे के उठते नेक कदमों पर गर्व से सर ऊँचा रखती है।I
हमारे जवान विनम्र हैं निर्बल नहीं।
रणभूमि से पलायन ये उनकी फितरत नहीं।I
दुश्मनों की आत्मा काँप उठे ऐसा उनमें जज़्बा है।
जोश, होश, युक्ति के संकल्प से बना ये रुतबा है।I
सैनिक सरहद को हर हाल में सुरक्षित रखते हैं।
फिर देश में हम सब इतना कलह क्यों करते हैं।I
[ © डॉ शैलजा एन भट्टड़ ]