हमारा संविधान
हमारा संविधान
संविधान है सुन्दर प्यारा,
निर्बल का है एक सहारा ।
बाबा साहब ने मेहनत से,
ग्रन्थ बनाया जग से न्यारा ।।
दो वर्ष माह ग्यारह अठारह,
दिन में इसको पूर्ण किया ।
राजेन्द्र बाबू के कर कमलों,
में लाकर के भेंट किया ।।
विस्तृत लिखित मनोहर,
अनुपम संविधान है हमारा ।
सन पचास जनवरी मास में,
छब्बीस को गया स्वीकारा ।।
भिन्न भिन्न क्षेत्रों के ज्ञाता,
निज विचार आ बतलाए ।
देश - देश के नियमों का ,
कर मन्थन इसे बनाए ।।
तीन सौ पचानवे अनुच्छेद,
अरु अनुसूची आठ बनाई ।
आवश्यकता पर सुधार की,
सबको सुन्दर राह दिखाई ।।
वर्तमान में चार सौ सत्तर,
अनुच्छेद अनुसूची बारह ।
अधिकार और कर्तव्य जान,
हम हुए एक - एक ग्यारह ।।
सरकार प्रशासन न्याय आदि,
सब नये रूप में पड़े दिखाई ।
बंधी हुई हद में अधिकार और,
शक्तियां हैं सबने ही पाई ।।