Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Shipra Verma

Abstract

3  

Shipra Verma

Abstract

हम उनकी तस्वीर हैं

हम उनकी तस्वीर हैं

1 min
315


धरती पर जब उतरे थे हम

प्रथम माता के गर्भ में

उसी क्षण से उनकी प्रेरणा

समाने लगी अस्तित्व में


आँखे खोली, जग से पहले

प्यारे पिता की उंगली पकड़ी

उनकी शिक्षा, उनकी प्रेरणा

नस नस में मेरे है जकड़ी


बड़े हुए जग में अपना नाम हुआ

तनिक भी मन मे संशय नहीं हुआ

नाम मेरा सब ले कर प्रशंसा भले करे

पर यह माता पिता ही मुझमे है भरे


सब गुण सारा व्यवहार उन्हीं से सीखा

माता पिता सखा गुरु वोही हैं

वो इस धरा पर नहीं रहे अब लेकिन

मुझमें तो केवल वो ही भरें है


जीवन के हर क्षण को मेरे

प्रेरित करते रहते हैं माता पिता

कितनी भी विपत्ति आ जाये

साथ मेरे रहते हैं माता पिता


नैतिकता के मार्ग पर चलना

हर हाल में उनसे ही सीखा

इसीलिए कभी आज तक भी

झुका न शर्म से मेरा शीशा


जब तक मैं ज़िंदा हूँ प्रेरणा

लेती रहूंगी माता पिता से हरदम

ऐसे पालक हैं , अब ईश्वर संग

संभाले रखेंगे मुझको हरदम।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract