हलचल पैदा करें
हलचल पैदा करें
चलो हम भीकोईकविता लिखें
शब्दों सेकोईहलचल पैदा करें
विचार आज की हो
या कल की बल की हो या छल की
विचारों में धार जरूरी हैआग से झुलसे हुए
लोगों के लिए प्यार जरूरी है
हर चेहरा किताब है
अनुभूतियों का कोमल स्पर्श है
शायरी है, मोहब्बत है
खिलती हुई सुबह है
और तुम यहाँ अपने ही फलसफे में
उलझे हुएअपने चेहरे के सारे दरवाजे और
खिड़कियाँ बंद कर बैठे हो
उदास बिल्कुल पहेली की तरह
गम भरे गुजरे हुए दिन लगते हो
तुम्हारे शब्द शिथिल हैं
उनकी शक्ति कहीं खो गई है
और तुम अपरिचित निकल पड़े
एक और युद्ध के लिए ..........