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Shatrughan Rajput

Tragedy

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Shatrughan Rajput

Tragedy

चलते -चलते

चलते -चलते

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चलते-चलते हमने देखा 

रंग बदलते मीठे सपने 


कौन कहाँ ?कष्ट सहा है 

कैसी बाजी ?दर्शक जहाँ है !


रिश्ते हैं,जंजीरें हैं,-लकीरें हैं 

आर-पार दिखती तस्वीरें हैं 


शब्द जुगाली ,बजती ताली 

आँखों में है,सोने की जाली 


गीतों की शय्या पर लेटा मन

 सूखा सावन, लोक लुभावन,


अंधों के बीच सूरज की चर्चा ,

हवा खोलती नया मोर्चा।



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