हिफाज़त
हिफाज़त
कैसे लूं तेरी हिफाज़त का ज़िम्मा अपने सर,
मैं तो ख़ुद टूटा हुआ हूं अगर ठोकर लगी तो
बिखर जाऊंगा....
जो गया बिखर अगर तो सम्हाल न पाओगे,
मनाओगे खूब मगर फिर कभी वापस बुला न पाओगे...
चाहा लाख भूलना उसे मगर भुला न पाया,
एक दिन वो भी आएगा जब वो हमें बुलाना चाहेंगे
मगर हम लौट कर न आएंगे....

