मनाओगे खूब मगर फिर कभी वापस बुला न पाओगे. मनाओगे खूब मगर फिर कभी वापस बुला न पाओगे.
सैकड़ों वर्ष पूर्व कलम से लिखे खत आज संग्रहालय की शोभा है सैकड़ों वर्ष पूर्व कलम से लिखे खत आज संग्रहालय की शोभा है