Dr Lalit Upadhyaya

Abstract

1.0  

Dr Lalit Upadhyaya

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हिंदुस्तान हमारा है

हिंदुस्तान हमारा है

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भाषा,जाति-धर्म का तोड़ो बंधन

इंसानियत की ओर मोड़ो जीवन।।


सिक्ख,ईसाई, हिन्दू और मुसलमान

पहले सब है केवल इंसान।।


धर्म की राजनीति को न मान,

सबकी ज़ुबान पर हो पहले हिंदुस्तान।।


कहता यहीं है जन-गण-मन, देश के लिए

अर्पित तन-मन-धन।।


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