VIVEK AHUJA
Classics
कभी होती थी देश में,
भाषा हिंदी प्रधान।
धीरे-धीरे खो रही,
अपनी यह पहचान।
कदम कदम पर हो रहा,
अब इसका अपमान।
जगह जगह हो गया,
कम इसका सम्मान।
डिजिटल युग में हो रहा,
नहीं इसका उत्थान।
आंग्ल भाषा सबको प्रिय,
इसका कौन करे गुणगान।
माँ
होली का हुड़द...
हिंदी
कृष्णा के शब्दों पंख से अर्जुन का मोह हुआ नदारद। कृष्णा के शब्दों पंख से अर्जुन का मोह हुआ नदारद।
इस बात पर हँसी आई के इसको भी ज़िन्दगी ने छू लिया होगा। इस बात पर हँसी आई के इसको भी ज़िन्दगी ने छू लिया होगा।
निश्चय ही सब पाप मर जाएंगे। यह महात्माओं का अनुभूति सरल प्रयोग है। निश्चय ही सब पाप मर जाएंगे। यह महात्माओं का अनुभूति सरल प्रयोग है।
जगदीशपुर रियासत का शासक, अंग्रेजी हुकूमत को दिखाया दम खम। जगदीशपुर रियासत का शासक, अंग्रेजी हुकूमत को दिखाया दम खम।
अपराधी को मिले सजा, वो अंदर जाए, तभी कुछ बात बने। अपराधी को मिले सजा, वो अंदर जाए, तभी कुछ बात बने।
विचारों, शब्दों, लेखनी को विराम जब तक रचयिता ना दे शब्दों को, विचारों को विश्राम। विचारों, शब्दों, लेखनी को विराम जब तक रचयिता ना दे शब्दों को, विचारों को व...
कृष्ण सुदामा सी दोस्ती सारे जग से न्यारी है, भाव प्रेम में अनूठी वह सबको लगे प्यारी है कृष्ण सुदामा सी दोस्ती सारे जग से न्यारी है, भाव प्रेम में अनूठी वह सबको लगे ...
जब किया कृष्ण ने संवाद बताया उसके जन्म का राज। जब किया कृष्ण ने संवाद बताया उसके जन्म का राज।
पथिक भी पीकर उस धरती का पावन जल कहते पी कर आया हूं अमृत पथिक भी पीकर उस धरती का पावन जल कहते पी कर आया हूं अमृत
उन्हीं कृष्ण का जन्मोत्सव है जो रस का अतिशय उफान हैं। उन्हीं कृष्ण का जन्मोत्सव है जो रस का अतिशय उफान हैं।
भटकते हुए राम लक्ष्मन,पर्वत ऋषिमुख में आए। भटकते हुए राम लक्ष्मन,पर्वत ऋषिमुख में आए।
जिसने किया अपना सर्वोच्च बलिदान ऐसे वीरों की माँ कहलाती है जिसने किया अपना सर्वोच्च बलिदान ऐसे वीरों की माँ कहलाती है
आदि शक्ति मॉं भगवती दुर्गा भवानी का शारदीय नवरात्रि में पंचम स्वरूप स्कन्द माता। आदि शक्ति मॉं भगवती दुर्गा भवानी का शारदीय नवरात्रि में पंचम स्वरूप स्कन्द मा...
देवभूमि के देवदूत हिमालय को तुम क्यों बिसराओगे देवभूमि के देवदूत हिमालय को तुम क्यों बिसराओगे
जो तस्वीर सजाई थी तेरी इन आंखों में हर पल कोई निकाल नहीं सकता उन यादों को आज तक! जो तस्वीर सजाई थी तेरी इन आंखों में हर पल कोई निकाल नहीं सकता उन यादों को आज ...
मैं पंछी खुले आसमनो का मैं खुले आसमनो मैं उड़ता जाऊँ। मैं पंछी खुले आसमनो का मैं खुले आसमनो मैं उड़ता जाऊँ।
प्रेम की गंगा कुछ ऐसी बहेगी तुम्हें सराबोर कर के दम लेगी। प्रेम की गंगा कुछ ऐसी बहेगी तुम्हें सराबोर कर के दम लेगी।
मेरी नैया हे मझदार देना भवसागर से पार ! मेरी नैया हे मझदार देना भवसागर से पार !
चाँद-सितारों से हुई, चुपके-चुपके बात। चंदन-चंदन हो गई, यादों वाली रात।। चाँद-सितारों से हुई, चुपके-चुपके बात। चंदन-चंदन हो गई, यादों वाली रात।।
बैठ ज़रा तू पास सखी बातें कर लूँ आज सखी। बैठ ज़रा तू पास सखी बातें कर लूँ आज सखी।