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VIVEK AHUJA

Classics

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VIVEK AHUJA

Classics

हिंदी

हिंदी

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कभी होती थी देश में,

भाषा हिंदी प्रधान।


धीरे-धीरे खो रही,

अपनी यह पहचान।


कदम कदम पर हो रहा,

अब इसका अपमान।


जगह जगह हो गया,

कम इसका सम्मान।


डिजिटल युग में हो रहा,

नहीं इसका उत्थान।


आंग्ल भाषा सबको प्रिय,

इसका कौन करे गुणगान।


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