घायल
घायल
सर्द हवाओं का झोंका है
घायल दिल कर रहा है
अचानक दिल में उठे ख्याल
उथेड़ बुन कर घायल दिल कर रहा है
करवटें पलट-पलट कर
अकेलेपन का अहसास कर रहा है
अरमान बहुत है दिल में
सुबह का इंतजार कर है
भूली तो कुछ नहीं हूं
शिकायतें अब कर रही हूं
जी तो रही हूं
घायल दिल के साथ
बक-बक करना छूट गई आदत
मन किसी कोने में खो गया
मोहब्बत का महीना आया
मोहब्बत भूल अप्रैल फूल बनाया।
