STORYMIRROR

Raja Sekhar CH V

Abstract Classics Inspirational

4  

Raja Sekhar CH V

Abstract Classics Inspirational

हिंदी महानदी

हिंदी महानदी

1 min
51


हिंदी भाषा के स्थायित्व का प्रत्यक्षदर्शी है हरएक शताब्दी,

इस अपूर्व अनुपम बोली की लोकप्रियता देखी प्रत्येक सदी,


पूजनीय मातृमूर्ति के ममता समान दर्शाए कमनीय कौमुदी,

हिन्द के अंतरस्थ में सदा प्रवाह करे जैसे महनीय महानदी १


हिंदी भाषा की मिठास लगे जैसे सुमधुर मधु सरित,

हिंदी भाषा का बहाव लगे जैसे आकाशगंगा प्रपात,


हिंदी भाषा अत्यंत पुनीत लगे जैसे गोक्षीर वृष्टिपात,

हिंदी भाषा हिमशीतल लगे कैसे हिमाद्री हिमपात २


हिंदी सुस्वर गीत लगे जैसे वाणीश्री के वीणा के

स्वरसंपन्न निनाद,

हिंदी भाषा के लोकगीत लगें जैसे बसंत कोयल के कुहू कुहू नाद,


हिंदी के सुगम संगीत के तरंगों में है अलौकिक अनुभूति के स्वाद,

हिंदी के भव्य भक्ति संगीत माधुर्य का कर नहीं सकते हैं अनुवाद ३


हिंदी प्रदेश में हिंदी में यथासंभव किया जाए कार्य संपादन सम्भाषण,

सभी करें अनुराग सहित अपने मातृभाषा का असीम पोषण संरक्षण,


अपने संतति को हर रूप में दें श्रीजगन्नाथ संस्कृति अस्तित्व के प्रमाण,

नित्य सुचारु रहे पूर्वजों के निवेदित उक्ति प्रत्युक्ति वाक्शक्ति के प्रसारण।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract